हर समस्या का हल
आज नहीं तो कल है
तेरी हर समस्या का हल है
कभी लबों पर मुस्कुराहट
कभी बहता आँखों से जल है
जो कर्म हैं तेरे थोड़ा सोच उनपर
सभी को मिलता कर्मों का फल है
आज नहीं तो कल है
तेरी हर समस्या का हल है
जब सुलगती धरती की तपन देख
आसमाँ खोलता धीमा-धीमा नल है
वो दिन में जब धूप में झुलसता
तब बिताता शाम में हसीन पल है
आज नहीं तो कल है
तेरी हर समस्या का हल है
जो गलती हुई सो हुई
समझदारी उसमें जिसने किया अमल है
कीचड़ में डूबे तो भी खिलो
जैसे शख्सियत से अपनी खिलता कमल है
आज नहीं तो कल है
तेरी हर समस्या का हल है
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