थोड़ा और काम कर
तू कोशिशों को अपनी न नाकाम कर
इतना किया है उठ, थोड़ा और काम कर
तेरी ज़िंद के आगे, हालात सर झुकाएँगे
फ़रिश्ते धरती पर तेरी जन्नत बुलाएँगे
सुबह हो चुकी है, अब पसीने में भीगी शाम कर
इतना किया है उठ, थोड़ा और काम कर
सूरज आएगा थक कर लौट जाएगा
तेरी कामयाबी का सवेरा तू खुद लाएगा
अपनी शख़्सियत की क़ीमत बढ़ा, ऊँचा दाम कर
इतना किया है उठ, थोड़ा और काम कर
मर्ज़ी से अपनी नसीब लिख अपना
मर्ज़ी से ही पूरा होगा तेरा अब तक का सपना
ख़ुशी के 'गुंजन' का हर तरफ़ नाम कर
इतना किया है उठ, थोड़ा और काम कर
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