खोजी मन मेरा खोज रहा है
खो चुकी संवेदनाओं को
मानव में मनुष्यता की
भावनाओं को
दिलों को पसीजने
वाली नमी को
इंसानियत की होती
कमी को
दर्द बाँटने वाले
अहसासों को
धूमिल होने से बची
हुई श्वांसों को
खोजी मन मेरा
खोज रहा है
दिलों में धड़कन को
दर्द में सिहरन को
प्रेम में तड़पन को
लोगों में बड़प्पन को
खोजी मन मेरा
खोज रहा है
अंत होती ईमानदारी को
मानव की समझदारी को
भूत से भविष्य की तैयारी को
धूर्तता में छिपी मक्कारी को
खोजी मन मेरा
खोज रहा है
मेहनत के काम को
काम के उचित दाम को
निश्चिंतता से बीती शाम को
निस्वार्थ पुकारे स्व नाम को
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