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मेरी गूँज (गुंजन राजपूत)

मेरी गूँज (गुंजन राजपूत)

  मेरी गूँज (उपन्यास/NOVEL) 'मेरी गूँज' एक ऐसा उपन्यास जिसे पढ़ने वाला लगभग हर व्यक्ति अपनी झलक देख सकता है।  For oder fill fill the link below मेरी गूँज (गुंजन राजपूत) Meri goonj written by Gunjan Rajput
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Class 10, Ch 6- मंगलेश डबराल- संगतकार

 Class 10, Ch 6- मंगलेश डबराल- संगतकार  1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है ? उत्तर-   संगतकार के माध्यम से कवि किसी भी कार्य अथवा कला में लगे सहायक कर्मचारियों और कलाकारों की ओर संकेत करना चाह रहा है। सहायक कलाकार अपनी प्रसिद्धि की परवाह किए बिना मुख्य कलाकार के महत्त्व को बढ़ाने का कार्य करते हैं| 2. संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं ? उत्तर-  संगतकार जैसे व्यक्ति निम्नलिखित क्षेत्रों में मिलते हैं; जैसे - • सिनेमा के क्षेत्र में- फिल्म में अनेकों सह कलाकार और स्टंटमैन| • नृत्य के क्षेत्र में- अन्य सह नर्तक| • भवन निर्माण क्षेत्र में- मज़दूर| • राजनीति के क्षेत्र में- सहायक उपनेता और कार्यकर्ता| 3. संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं? उत्तर-  संगतकार निम्नलिखित रूपों में संगतकार की मदद करते हैं - • वे अपनी आवाज़ और गूँज को मुख्य गायक की आवाज़ में मिलाकर उनकी आवाज़ का बल बढ़ाने का काम करते हैं| • जब मुख्य गायक गायन की गहराई में चले जाते हैं तब वे स्थायी पंक्ति को पकड़कर मुख्य गाय

Class 7, Chapter 7, पाठ 7 अपूर्व अनुभव

 Class 7, Chapter 7, पाठ 7 अपूर्व अनुभव  पाठ 7 अपूर्व अनुभव   प्रश्न 1. यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया ? लिखिए ।   उत्तर 1. यासुकी-चान तोत्तो-चान का प्रिय मित्र था । वह पोलियोग्रस्त था , इसलिए वह पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था , जबकि जापान के शहर तोमोए में हर बच्चे का एक निजी पेड़ था , लेकिन यासुकी-चान ने शारीरिक अपंगता के कारण किसी पेड़ को निजी नहीं बनाया था । तोत्तो-चान की अपनी इच्छा थी कि वह यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित कर दुनिया की सारी चीजें दिखाए । यही कारण था कि उसने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया ।   प्रश्न 2 . दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला , इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे । दोनों में क्या अंतर रहे ? लिखिए ।    उत्तर- 2 . इन दोनों के अपूर्व अनुभव का अंतर निम्न रूप में कह सकते हैं -   तोत्तो चान - तोत्तो