मेरी गूँज (उपन्यास/NOVEL) 'मेरी गूँज' एक ऐसा उपन्यास जिसे पढ़ने वाला लगभग हर व्यक्ति अपनी झलक देख सकता है। For oder fill fill the link below मेरी गूँज (गुंजन राजपूत) Meri goonj written by Gunjan Rajput
कक्षा VII हिंदी वसंत से पाठ 9 एक तिनका कविता व्याख्या प्रतीक- मैं घमंडों में भरा_________________________________________________बहुत तेरे लिए। व्याख्या- प्रस्तुत कविता हिंदी के प्रसिद्ध कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरऔध' जी द्वारा लिखी गई है। प्रस्तुत कविता में कवि घमंड न करने की सलाह देते हैं। वे बताते हैं कि एक दिन मैं न जाने किस घमंड में अपने घर की मुँडेर पर खड़ा हुआ था। कि कहीं दूर से अचानक एक तिनका मेरी आँख में आ गिरा। उस तिनके के मेरी आँख में गिरने से आँख लाल हो गई और दर्द होने लगा। उस दर्द से मैं झिझक उठा और बेचैन हो गया। मुझे बेचैन और परेशान होकर लोग कपड़े पर फूँक मार-मारकर आँख को सेकने लगे। और मेरा अब तक का घमंड और मेरी एंठ दबे पाँव दूर हो गई। जब कई प्रयासों के बाद किसी तरह मेरी आँख से वो तिनका निकल गया तब मेरी समझ ने मुझे देख कर ताना दिया कि आख़िर किस घमंड में था मैं? एक छोटे से तिनके ने मेरा घमंड दूर कर दिया।